संघ गीत माला | sangh geet maala | उत्तम गीतों की संपूर्ण माला

Read lyrics of the best rss songs in Hindi. It is also called sangh geet maala.

 

संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना – ( संघ गीत माला )

 

संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।

हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।

वीर प्रताप के शेरों जागो , वीर बंदा की शमशीर जागो।

बज रहा है विगुल , नौजवां तू निकल रण में जाना। ।

हम बदल देंगे सारा ज़माना———————

संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।

हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।

शेर शिवराज की तेग खड़के ,बोली हर – हर महादेव भड़के।

शक्ति हो साथ में , भगवा हो हाथ में , बढ़ते जाना। ।

हम बदल देंगे सारा ज़माना———————

संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।

हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।

वीर केशव ने यह गीत गाया , राम राज्य का डंका बजाया।

हम जिए या मरे , हर बला से लडे , हमने ठाना।।

हम बदल देंगे सारा ज़माना———————

संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।

हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।

 

संघ क्या है ? संघ की संपूर्ण जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें 

 

चलो भाई चलो शाखा में चलो

( संघ गीत माला )

चलो भाई चलो शाखा में चलो

थोड़ी देर अब तुम सब काम भूलो  ,

चलो भाई चलो संग संग चलो।

आज के दिन जरा हंसो और खेलो। ।

चलो भाई चलो शाखा में चलो …………….

राम कृष्ण के वारिस हम ,

गर्व से कहते हिन्दू हम ,

भगवा ध्वज है पूज्य परम ,

वंदन करो संग – संग चलो। ।

चलो भाई चलो शाखा में चलो …………….

जीजा का मातृत्व हमे

शौर्य लक्ष्मी का है तन में

मौसी जी की आन हम

आगे बढ़ो और संग संग चलो। ।

चलो भाई चलो शाखा में चलो …………….

छोटे – छोटे बचे हम

काम बड़ा करेंगे हम

धैर्य की रक्षा करेंगे हम

कहेंगे वनडे मातरम्। ।

चलो भाई चलो शाखा में चलो …………….

शाखा में है रियल फन

कब्बडी खो – खो में रमता मन

करो योग भूलो गम

कदम मिलाओ और संग – संग चलो। ।

चलो भाई चलो शाखा में चलो …………….

थोड़ी देर अब तुम सब काम भूलो  ,

चलो भाई चलो संग संग चलो।

 

भारत माता तेरा आँचल

( संघ गीत माला )

 

भारत माता तेरा आँचल , हरा – भरा धानी – धानी।

मीठा – मीठा चम् -चम करता , तेरी नदियों का पानी। २

हरी हो गयी बंजर धरती , नाचे झरनो में बिजली।

सोना चांदी उगल रही है , तेरी नदियों का पानी।

भारत माता तेरा आँचल , हरा – भरा धानी – धानी।

मीठा – मीठा चम् -चम करता , तेरी नदियों का पानी।

मस्त हवा जब लहराती है , दूर – दूर तक पहुंचाती है।

तेरे ऊँचे ऊँचे पर्वत , निडर बहादुर सेनानी  .

भारत माता तेरा आँचल , हरा – भरा धानी – धानी।

मीठा – मीठा चम् -चम करता , तेरी नदियों का पानी।

 

 

हिंद देश के निवासी सब जन एक हैं 

( संघ गीत माला )

 

हिंद देश के निवासी सब जन एक हैं
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं

१.बेला गुलाब जूही चंपा चमेली
प्यारे प्यारे फूल गुंथे
माला में एक हैं

2. कोयल की कूक प्यारी पपीहे की टेर न्यारी
गा रही तराना बुलबुल
राग मगर एक है

3. गंगा – जमुना ब्रहमपुत्र कृष्णा कावेरी
जाके मिल गयी सागर में
हुई सब एक हैं

हिन्द देश के निवासी सब जन एक हैं
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं .

 

 

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है

( संघ गीत माला )

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है ,

माटी से अनुपम प्यार है , माटी से अनुपम प्यार है। । २

इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने ,

इस धरती पर गीता गायी

यदुकुल – भूषण श्याम ने।

इस धरती के आगे झुकता मस्तक बारम्बार है। ।

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है………..

इस धरती की गौरव गाथा गायी राजस्थान ने ,

इस पुनीत बनाया अपने वीरों के बलिदान ने।

मीरा के गीतों की इसमें छिपी हुई झंकार है। ।

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है………..

कण – कण मंदिर इस माटी का कण – कण में भगवान् है ,

इस माटी से तिलक करो यह मेरा हिन्दुस्तान है।

हर हिन्दू का रोम रोम भारत का पहरेदार है। ।

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है………..

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है ,

माटी से अनुपम प्यार है , माटी से अनुपम प्यार है। ।

 

 

आज हिमालय की चोटी से

( संघ गीत माला )

 

 आज हिमालय की चोटी से , भगवा ध्वज लहराएगा।

जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनाएगा। । २

इस झंडे की महिमा देखो , रंगत अजब निराली है।

इस पर तो ईश्वर ने डाली सूर्योदय की लाली है।

प्रखर अग्नि में इसकी पड़ ,शत्रु स्वाहा हो जायेगा। ।

इस झंडे को चनदरगुप्त ने हिन्दू – कुश पर फहराया।

मरहटों ने मुगल-तख्त को चूर -चूर का दिखलाया।

मिटटी मि मिल जायेगा जो , इसको अकड़ दिखायेगा। ।

इस झंडे की खतिर देखो  प्राण दिए रानी झाँसी।

हमको भी यह व्रत लेना है , सूली हो या फांसी।

बच्चा – बच्चा वीर बनेगा , अपना रक्त बहायेगा। ।

जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनाएगा। ।

आज हिमालय की चोटी से , भगवा ध्वज लहराएगा।

जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनाएगा। । २

 

राष्ट्र की जय चेतना का गान वन्दे मातरम् 

( संघ गीत माला )

 

राष्ट्र की जय चेतना का गान वन्दे मातरम्

राष्ट्रभक्ति प्रेरणा का गान वन्दे  मातरम्।।

वंसी के बहते स्वरों का प्राण वन्दे मातरम

झल्लरि झनकार झनके नाद वन्दे  मातरम्

शंख के संघोष का सन्देश वन्दे मातरम्।।१

 

सृष्टि बीज मंत्र का है मर्म वन्दे  मातरम्

राम के वनवास का है काव्य वन्दे मातरम्

दिव्य गीता ज्ञान का संगीत वन्दे मातरम्।।२

 

हल्दीघाटी के कणो व्याप्त वन्दे मातरम्

दिव्य जौहर ज्वाला का  तेज वन्दे मातरम

वीरों के बलिदान का हुंकार वन्दे मातरम्।।३

 

जनजन के हर कंठ का हो गान वन्दे मातरम्

अरिदल थरथर कांपे सुनकर नाद वन्दे मातरम्

वीर पुत्रों अमर ललकार वनडे मातरम्।।४

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8 thoughts on “संघ गीत माला | sangh geet maala | उत्तम गीतों की संपूर्ण माला”

  1. I liked your post very much, you explain things very well and the information you shared is very useful for people. Thank you so much sir.

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  2. बहुत अच्छा लगा । भारत माता की वंदना का संकलन। कृपया नये संघ गीत भी शामिल करेगे तो और अच्छा रहेगा

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  3. ये ग्रुप में जिनका लय, टेक्स फ़ाइल और क्लियर क्लियर इमेज उपलब्ध है सिर्फ वही गीत का संग्रह यहाँ पे मिलेगा

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