प्रस्तुत लेख में ब्लू चिप कंपनी क्या होती है इन्हें ब्लू चिप क्यों कहा जाता है और मार्केट में इसका क्या योगदान है इस समस्त विषय पर आज के लेख में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे और जानने का प्रयत्न करेंगे आपके लिए ब्लू चिप कंपनी कारगर है या नहीं।
ब्लू चिप कंपनी क्या है?
शेयर मार्केट का बाजार काफी लंबे समय से चलता आ रहा है। भारत में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुख्य रूप से कार्य करते हैं। इसके अंतर्गत हजारों कंपनियां रजिस्टर है। यहां पैसे लगाने वाले तथा बाजार को बढ़ाने का एक अच्छा माध्यम मिल जाता है।
आपने महसूस किया होगा कंपनियां अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पूंजी के लिए शेयर मार्केट में आती है। यहां सामान्य व्यक्ति भी उन कंपनियों में निवेश करता है, जिससे उसको भविष्य में अच्छा करने की उम्मीद है। अतः शेयर मार्केट उभरती अर्थव्यवस्था के लिए कारगर है। इसके माध्यम से अनेकों नौकरियां सृजित हो रही है। लोगों को नौकरियां मिल रही है, वही निवेशकों को अपने पूंजी पर अच्छा ब्याज प्राप्त हो रहा है। कंपनियां यहां से अपने लिए फंड एकत्रित करती है और अपने व्यापार में तरक्की करती है। इस क्षेत्र में कई प्रकार की कंपनियां कार्य करती है जिन्हें – लार्ज कैप, ब्लू चिप कंपनी, स्मॉल कैप, मिडकैप्स आदि अनेक नाम से जानते हैं। आज हम ब्लू चिप कंपनी के विषय में जानेंगे।
ब्लू चिप कंपनी नाम का इतिहास
पोकर खेल से ब्लूचिप कंपनी का नाम निकलना बेहद ही रोमांचक है। 1920 के दशक में पोकर खेल काफी लोकप्रिय था, जिसमें नीले रंग की चिप (गोटी) कीमती थी। इससे प्रभावित होकर ओलिवर गिन गोल्ड जो प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संपादक थे उन्होंने बड़ी कंपनियों जिनके पास अधिक पूंजी थी उन्हें ब्लूचिप कंपनी कहा।
तबसे वह कंपनियां जो मार्केट में बड़ी और नामी हो तथा महंगे शेयर रखती हो उन्हें ब्लू चिप कंपनी कहा जाने लगा।
ब्लू चिप कंपनी किसे कहते हैं?
ब्लू चिप कंपनी वह होती है जो अपने क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी होने का खिताब रखती है। जिसका प्रदर्शन अन्य कंपनियों से बेहतर होता है, जो हमेशा अपने मुनाफे के लिए जाने जाती है।
जैसे भारत में रिलायंस, टाटा, एचडीएफसी बैंक आदि जैसी कंपनियां अपने नाम से जानी जाती है। इनका प्रत्येक वित्तीय वर्ष में श्रेष्ठ प्रदर्शन होता है। यह अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए जानी जाती है।
इन प्रतिष्ठित बड़ी कंपनियों को ही ब्लू चिप कंपनी कहा जाता है।
क्या ब्लू चिप कंपनी में निवेश करना चाहिए
ब्लू चिप कंपनी बाजार में प्रतिष्ठित होती है। लोग इस के नाम से जानते हैं, अतः भरोसा करते हैं। इन कंपनियों में आप निवेश कर सकते हैं किंतु यहां तीव्र गति से मुनाफा कमाने वाले निवेशक निराश हो सकते हैं। क्योंकि इस कंपनी में मुनाफा एक निश्चित मात्रा तथा लंबी अवधि में प्राप्त होता है।
अन्य छोटे और मझोले कंपनियां ज्यादा मुनाफा देने का भरोसा देकर निवेशकों को अपनी और आकर्षित करते हैं। जबकि ब्लू चिप कंपनी को इन सभी विज्ञापन और आकर्षित करने की आवश्यकता नहीं होती। वह अपने कार्य तथा परफॉर्मेंस के आधार पर लोगों के बीच अपनी जगह बनाए रखते हैं।
ब्लू चिप कंपनी में उन निवेशकों को निवेश करना चाहिए जो अपने पूंजी को सुरक्षित कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहते हैं, साथ ही वह अपने निवेश की अवधि लंबे समय तक सोचते हैं। ऐसे निवेशक सदैव मुनाफे का सौदा करते हैं।
ब्लू चिप कंपनियां कितना डिविडेंड देती है
डिविडेंड निवेशकों का अतिरिक्त मुनाफा होता है जो ब्लू चिप कंपनियां अपने मुनाफे में से देती है। कंपनी जितनी प्रतिष्ठित और मुनाफे वाली होती है उतना ही अधिक डिविडेंड निवेशकों को दिया जाता है।
आज ब्लू चिप कंपनी लगभग 15% तक डिविडेंड देती है। यह उनके मुनाफे पर आधारित है। सभी कंपनियां अपने इच्छा और मुनाफे के आधार पर ही डिविडेंड देती है।यह किसी कंपनी के लिए निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि कौन सी कंपनी कितना डिविडेंड देती है। प्रत्येक वर्ष के परफॉर्मेंस के आधार पर तय किया जाता है।
ब्लू चिप कंपनी में जोखिम कितना होता है
अन्य कंपनियों के मुकाबले ब्लू चिप कंपनी में जोखिम बहुत कम होता है। जब तक मार्केट में किसी प्रकार की बड़ी समस्या ना हो ब्लू चिप कंपनी जोखिम रहित कार्य करती है। सरकार को इन कंपनियों को अच्छा मुनाफा मिलता है इसलिए सरकार भी इन कंपनियों को सपोर्ट करती हैं। ब्लू चिप कंपनी जैसा कि हम जानते हैं अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठित कंपनी होती है, यह देश भर में जानी जाती है। यहां बायर – सेलर दोनों प्रकार के लोग मौजूद होते हैं। वह भी अच्छी खासी संख्या में।
यह कंपनी के लिए एक अच्छी बात होती है। किसी भी स्थिति में निवेशक उसके साथ खड़े होते हैं। इसलिए यह जोखिमों को कम कर देता है। अतः निवेशक यहां सुरक्षित महसूस करते हैं। बाजार में अगर आप ज्यादा अनुभव नहीं रखते हैं तो आपको सदैव ब्लूचिप कंपनियों में ही निवेश करना चाहिए। इन कंपनियों का चयन करते समय आपको सावधानियां बरतनी चाहिए। उन ब्लूचिप कंपनियों को चयन करें जो देश तथा विदेश में अपना व्यापार करने में जाना जाता हो, नामी हो, प्रतिष्ठित हो और उसका व्यापार घाटे से रहित हो।
यह कंपनियां कितना रिटर्न देती है
बड़ी कंपनियों में तत्काल कुछ समय में मोटा मुनाफा देखने को नहीं मिलता। इस कंपनी में लंबे समय के लिए किये गए निवेश पर अच्छा खासा रिटर्न मिलता है। यह अधिक उतार-चढ़ाव को पसंद नहीं करता। धीमी गति से यह कंपनियां अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ती रहती है। इसका ब्याज स्थिर और नियमित रूप पर होता है।
अन्य छोटी तथा मध्यम वर्ग की कंपनियां मोटे मुनाफे का दावा करती है। किंतु मार्केट में थोड़े से उतार-चढ़ाव पर वह प्रभावित हो जाती हैं, जबकि ब्लू चिप कंपनी मार्केट के बड़े उतार-चढ़ाव पर भी स्थिर रहती है। इनके भाव एकदम से ना ही गिरते हैं और ना बढ़ते हैं। इसलिए निवेशक यहां सदैव अपना अच्छा रिटर्न लेकर ही निकलता है, यही ब्लूचिप कंपनियों की खासियत होती है।
अलग-अलग कंपनियां अपने मुनाफे और कंपनी के आधार पर रिटर्न देती हैं। यह रिटर्न सामान्य बैंक खाते फिक्स डिपाजिट या अन्य ब्याज से अधिक होता है। यह रिटर्न कभी-कभी हजार गुना भी बढ़ जाता है। विगत कुछ वर्षों में 100% का रिटर्न भी देखने को मिला है। 2020 में मार्केट के उतार-चढ़ाव के बाद 2020 जुलाई तक निवेशकों ने 100% से अधिक मुनाफा कमाया। अतः यहां रिटर्न कंपनी के कार्यशैली और उसके व्यापार पर निर्धारित होता है।
ब्लू चिप कंपनी में किस को निवेश करना चाहिए
ब्लू चिप कंपनी सुरक्षित तथा कम जोखिम की होती है। लोगों को इसमें निवेश करना काफी पसंद है, विशेषकर उन निवेशकों को जो बाजार में अधिक जानकारी नहीं रखते। वह केवल कंपनी का नाम जानते हैं।
ऐसे लोग यहां से अपने अच्छे रिटर्न की उम्मीद करते हैं जो उन्हें एक निश्चित अवधि के बाद मिल भी जाता है।
हमारी सलाह के अनुसार उन सभी निवेशकों को यहां निवेश करना चाहिए जो अपने पूंजी के साथ अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते। विशेषकर नए निवेशक जो मार्केट की अधिक समझ नहीं रखते हैं। उनके लिए यह कंपनियां सबसे बेहतर ऑप्शन है।
क्या ब्लू चिप वाली कंपनी डूबती या धोखा देती है
बाजार सदैव जोखिम भरा होता है, चाहे बाजार में कितनी ही बड़ी कंपनी क्यों ना हो, जोखिम तो अवश्य ही रहता है। बड़ी कंपनियां भी कई बार ठीक मैनेजमेंट या कुशल कारीगर, विपरीत परिस्थितियां आदि के कारण बर्बाद हो जाती है। रिलायंस कंपनी जो आज नामी कंपनी है। यह भी एक समय बाढ़ और अन्य परिस्थितियों के कारण बर्बादी के कगार पर थी। किंतु कुशल नेतृत्व ने इस कंपनी को नया जीवन दिया।
अनेकों ऐसी कंपनियां है जो कभी नामी कंपनी हुआ करती थी।
आज उसका अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। ऐसे में आप नामी कंपनी पर भरोसा तो कर सकते हैं, किंतु उसकी नियमित कार्यशैली और अर्धवार्षिक वार्षिक रिपोर्ट का अध्ययन करते रहे, जिससे आपके निवेश सुरक्षित रहें।
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निष्कर्ष
उपरोक्त लेख में हमने जाना ब्लू कंपनी नाम कैसे प्रचलन में आया? किन कंपनियों को ब्लूचिप कहा जाता है? तथा यह बाजार में किस प्रकार से कार्य करता है? इस कंपनी में किस प्रकार के निदेशकों को आना चाहिए? तथा यह कितना मुनाफा देती है? अन्य विषयों पर विस्तार से हमने जानने का प्रयास किया। आपको बाजार में निवेश करते समय सदैव जागरूक रहना होगा। चाहे कंपनी का चयन हो या अपने मुनाफे घाटे के प्रति सतर्कता। आपकी पूंजी आपके लिए जीवन को दिशा देने का कार्य करती है।
अतः इस पूंजी के प्रति आप सतर्कता से व्यवहार करें तभी यह आपको अधिक मुनाफा देने का कार्य करेगी। निवेश करते समय आपको कुशल सलाह लेने की आवश्यकता होती है। बाजार में मिल रही सलाह जरूरी नहीं कि आपके लिए ठीक हो इसलिए सभी सलाह का स्वागत करते हुए अपना निर्णय स्वतंत्र हो कर ले यह आपको वित्तीय घाटे से बचा सकती है।